हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफ़सीर; इत्रे कुरान: सूरा ए हम्द की आयत 1-2 की तफ़सीर
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्राहीम (फातिहा 01)
अनुवाद: अल्लाह के नाम से (शुरू करता हूं) जो बड़ा दयालु और कृपालु है।
कुरान की तफ़सीर:
1️⃣ पवित्र कुरान एक ऐसी किताब है जिसकी शुरुआत अल्लाह के नाम के ऐलान और खुदा के बंदों की रहमत से हुई।
2️⃣ अल्लाह के नाम से काम शुरू करना चाहिए और 'बिस्मिल्लाह' कहना जरूरी है।
3️⃣ चूंकि पवित्र कुरान मार्गदर्शन की किताब है और कुरान 'बिस्मिल्लाह' के साथ अपनी बातचीत शुरू करता है, इसलिए यह बिंदु अपने संबोधको को 'बिस्मिल्लाह' के साथ अपने कार्यों को शुरू करने का निर्देश देता है। अल्लाह तआला अत्यंत दयालु और कृपालु है।
4️⃣ अल्लाह तआला की अपने बंदों पर व्यापक दया और कृपा इस बात का प्रमाण है कि सभी कार्य उसके नाम पर किए जाने चाहिए।
الْحَمْدُ لِلّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ अल्हमदो लिल्लाहे रब्बिल आलामीन (फातिहा 02)।
अनुवाद: सभी तारीफे अल्लाह के लिए हैं।
कुरान की तफ़सीर:
1️⃣ सभी सिद्धियों, गुणों और गुणों का स्रोत अल्लाह तआला है।
2️⃣ केवल अल्लाह ही प्रशंसा के योग्य है।
3️⃣ अल्लाह तआला ब्रह्मांड का मालिक और स्वामी है।
4️⃣ सभी प्राणियों में सबसे सुंदर और उसमें ज्ञान और हिकमत, हुसीन और जमील हैं। ब्रह्मांड की व्यवस्था अल्लाह के अधिकार से है। इसमे किसी प्रकार का जब्र नही पाया जाता है।
•┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈• 📚 तफ़सीरे रहनुमा, सूरा ए फातिहा •┈┈•┈┈•⊰✿✿⊱•┈┈•┈┈•